BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA FUNDAMENTALS EXPLAINED

baglamukhi shabar mantra Fundamentals Explained

baglamukhi shabar mantra Fundamentals Explained

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ऊँ ह्रीं क्लीं (व्यक्ति का नाम) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।

‘‘हे माँ हमें शत्रुओं ने बहुत पीड़ित कर रखा है, हम पर कृपाा करें उन शत्रुओं से हमारी रक्षा करे व उन्हें दंड दे‘‘

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।

शमशान में अगर प्रयोग करना है तब गुरू मत्रं प्रथम व रकछा मत्रं तथा गूड़सठ विद्या होने पर गूड़सठ क्रम से ही प्रयोग करने पर शत्रू व समस्त शत्रुओं को घोर कष्ट का सामना करना पड़ता है यह प्रयोग शत्रुओं को नष्ट करने वाली प्रक्रिया है यह क्रिया गुरू दिक्षा के पश्चात करें व गुरू क्रम से करने पर ही विशेष फलदायी है साघक को बिना छती पहुँचाये सफल होती है।

Baglamukhi or Bagala is a crucial deity Among the many ten Mahavidyas worshipped with fantastic devotion in Hinduism. The ultimate good thing about worshipping Baglamukhi clears the illusions and confusions with the devotees and offers them a clear route to continue in everyday life. Goddess Baglamukhi carries a cudgel in her fingers to smash the troubles confronted by her devotees.

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“Om hreen here bagalaamukhee sarv dushtaanaan vaacham mukham padam stambhay stambhay jeevahaan keelok keelok vinaashay hreen om svaaha”

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The duration of mantra chanting must be at the least 40 days. It is amazingly crucial to chant on a regular basis throughout this period.

Gains: This Shabar Vashikaran mantra allows a person generate impact among the their buddies, colleagues as well as a ideal man or lady. This might or might not get the job done depending upon the power of planets in a person’s daily life.

शमशान के लिए गुरू आदेश अनुसार प्रयोग करें।

तत्रं साधना गुरू मार्ग दर्शन में ही करें स्वतः गुरू ना बनें अन्यथा भयानक दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता ही है।

ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवान्छितं साधय साधय ह्रीं स्वाहा ।

यदि आप निरपराधी हैं और शत्रु आप पर लगातार तंत्र का दुरूपयोग कर आप को परेशान कर रहा है, तब माँ के दंड विधान प्रयोग करने में विलम्ब न करें, जब तक दुष्ट  को उसकी दुष्टता का दंड नहीं मिल जाता, वह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता ही रहता है।

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